मध्य प्रदेश सरकार की प्रतिष्ठित लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) में एक बड़ा बदलाव सामने आया है।
राज्य की 10,963 महिलाओं को इस योजना से बाहर कर दिया गया है। ये वे महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो गई है। अब इन्हें योजना के बजाय वृद्धावस्था पेंशन के तहत 600 रुपए प्रति माह मिलेंगे। यह फैसला सरकारी नियमों के चलते लिया गया है, जिसने हजारों महिलाओं के लिए आर्थिक सुरक्षा के सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला और कैसे प्रभावित हुई हैं महिलाएं।
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लाड़ली बहना योजना: क्या है नया अपडेट?
60 वर्ष की उम्र पार करने वाली महिलाएं हुईं बाहर
- लाड़ली बहना योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके तहत प्रतिमाह 1,250 रुपए की राशि दी जाती है।
- हालांकि, योजना के नियमों के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं इसके पात्र नहीं रहतीं। ऐसी महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन योजना में शिफ्ट कर दिया जाता है, जिसमें उन्हें 600 रुपए प्रति माह मिलते हैं।
- छिंदवाड़ा जिले की 10,963 महिलाएं इसी नियम के चलते योजना से बाहर हुई हैं।
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क्यों कम हुई लाभार्थियों की संख्या?
2024 में लाड़ली बहना योजना के तहत पंजीकृत महिलाओं की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसके प्रमुख कारण हैं:
कारण प्रभावित महिलाओं की संख्या
60 वर्ष से अधिक आयु 10,963
अपात्र (Ineligible) 690
लाभ का त्याग करने वाली महिलाएं 890
मृत महिलाएं 646
समग्र पोर्टल से डिलीट 426
आधार-समग्र लिंक टूटना। 505
इन कारणों से योजना में कुल 3,92,912 महिलाएं ही शेष बची हैं।
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लाड़ली बहना से वृद्धावस्था पेंशन: कैसे बदलता है आर्थिक हालात?
1,250 रुपए से 600 रुपए तक का सफर
- योजना से बाहर होने वाली महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती आय में भारी कटौती है।
- 60 वर्ष पार कर चुकी राधाबाई (कालीबड़ी गांव) कहती हैं, "पहले 1,250 रुपए से घर का खर्च चल जाता था। अब 600 रुपए में दवा-पानी भी मुश्किल है।"
- सरकार का तर्क है कि वृद्धावस्था पेंशन अन्य योजनाओं के साथ जोड़कर दी जाती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को इसकी जानकारी कम है।
अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ा असर?
- लाड़ली बहना योजना ने ग्रामीण और शहरी बाजारों में नकदी का प्रवाह बढ़ाया था।
- प्रतिमाह 47 करोड़ रुपए सीधे महिलाओं के खातों में जाने से छोटे व्यवसायियों को फायदा हुआ।
- अब यदि हजारों महिलाओं को योजना से हटाया जाता है, तो स्थानीय बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
नाम काटने के पीछे क्या हैं तकनीकी कारण?
1. समग्र पोर्टल और आधार लिंकिंग में गड़बड़ी
- 426 महिलाओं का नाम समग्र पोर्टल से डिलीट कर दिया गया।
- 505 महिलाएं आधार-समग्र लिंक न होने के कारण योजना से बाहर हुईं।
- यह समस्या अक्सर दस्तावेज़ अपडेट न करने या तकनीकी त्रुटियों के कारण उत्पन्न होती है।
2. स्वेच्छा से लाभ छोड़ने वाली महिलाएं
- 890 महिलाओं ने स्वयं योजना का लाभ त्याग दिया। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब परिवार की आय सीमा पार हो जाती है या महिलाएं अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने लगती हैं।
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लाड़ली बहना योजना: कैसे बदला ट्रेंड?
चुनावों के दौरान बढ़ी थी पंजीयन संख्या
- 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले 4.15 लाख महिलाएं योजना के तहत पंजीकृत थीं।
- हालांकि, आचार संहिता लागू होने के बाद 8,000 आवेदन खारिज कर दिए गए।
वर्तमान स्थिति
- वर्तमान में केवल 3,92,912 महिलाएं ही योजना की पात्र हैं।
- सरकार का दावा है कि डिजिटल सत्यापन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
क्या है महिलाओं की प्रतिक्रिया?
निराशा और आर्थिक तनाव
- सुशीला बाई (उम्र 62 वर्ष) कहती हैं, "सरकार ने बुजुर्गों की परेशानी नहीं समझी। 600 रुपए में क्या होगा?"
- कई महिलाओं ने स्थानीय प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला।
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सामाजिक संगठनों का रुख
- नारी अधिकार मंच के प्रतिनिधि राजेश शर्मा कहते हैं, "60 वर्ष की उम्र सीमा अनुचित है। ग्रामीण महिलाओं के पास आय का कोई स्रोत नहीं होता। सरकार को योजना को संशोधित करना चाहिए।"
लाड़ली बहना योजना: आगे की राह क्या है?
सरकार की योजनाएं
- मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि वृद्धावस्था पेंशन के साथ-साथ अन्य योजनाओं जैसे किसान सम्मान निधि या आवास योजना को जोड़कर महिलाओं को समग्र सहायता प्रदान की जाएगी।
- हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि 1,250 रुपए से 600 रुपए की कटौती सीधे महिलाओं की क्रय शक्ति को प्रभावित करेगी।
जनता की मांग
- प्रभावित महिलाओं और सामाजिक संगठनों की ओर से उम्र सीमा बढ़ाने या पेंशन राशि संशोधित करने की मांग उठ रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. लाड़ली बहना योजना में आवेदन कैसे करें?
- आधार, निवास प्रमाण और आय प्रमाण पत्र के साथ समग्र पोर्टल या जन सेवा केंद्र पर आवेदन करें।
2. क्या 60 वर्ष के बाद फिर से योजना में शामिल हो सकते हैं?
- नहीं, उम्र सीमा पार करने पर स्वचालित रूप से नाम काटा जाता है।
3. वृद्धावस्था पेंशन के लिए क्या करें?
- अपने नजदीकी पंचायत कार्यालय या सामाजिक न्याय विभाग में संपर्क करें।
निष्कर्ष: क्या संभव है समाधान?
लाड़ली बहना योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम है, लेकिन उम्र सीमा और तकनीकी समस्याएं इसके प्रभाव को कम कर रही हैं। सरकार को चाहिए कि वह पेंशन राशि बढ़ाए या योजना का दायरा विस्तृत करे, ताकि बुजुर्ग महिलाएं भी गरिमापूर्ण जीवन जी सकें। इसके साथ ही, जागरूकता अभियान चलाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग किया जाना चाहिए।
स्रोत: मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय विभाग, स्थानीय प्रशासन एवं ग्रामीण महिलाओं के साक्षात्कार पर आधारित।