दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने मरीजों की दिक्कतों को समझते हुए एक बड़ा डिजिटल कदम उठाया है। अस्पताल ने एक ऑनलाइन डैशबोर्ड लॉन्च किया है,
जिसकी मदद से अब मरीजों को एडमिशन, टेस्ट या सर्जरी से जुड़ी जानकारी के लिए अस्पताल के चक्कर नहीं काटने होंगे। यह सुविधा न केवल समय बचाएगी, बल्कि मरीजों को पारदर्शिता भी देगी।
असली समय की जानकारी होगी उपलब्ध
इस डैशबोर्ड के जरिए मरीज रियल टाइम में बेड की खाली जगह, ओपीडी में लाइन की स्थिति, इमरजेंसी वार्ड का हाल, और सर्जरी या जांच के लिए इंतजार की अवधि जैसी जानकारी घर बैठे चेक कर सकेंगे। फिलहाल, यह सुविधा ट्रॉमा सेंटर, इमरजेंसी, विश्राम सदन और ई-हॉस्पिटल से जुड़े डेटा तक सीमित है, लेकिन जल्द ही इसमें सर्जरी और स्कैन जैसी सेवाओं की वेटिंग लिस्ट भी जोड़ दी जाएगी। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह डैशबोर्ड अभी टेस्टिंग के दौर में है और आने वाले कुछ हफ्तों में पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा।
लंबे इंतजार की समस्या में आएगी कमी
AIIMS जैसे व्यस्त अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को अक्सर महीनों या सालों तक इंतजार करना पड़ता है। मसलन, ईएनटी सर्जरी के लिए 3 साल, हड्डी की सर्जरी के लिए 2 साल, न्यूरोसर्जरी के लिए डेढ़ साल और दिल की सर्जरी के लिए भी लंबी वेटिंग लिस्ट है। सामान्य जांच जैसे अल्ट्रासाउंड या ईको के लिए भी महीनों का समय लग जाता है। कई बार मरीजों को अपॉइंटमेंट 2 साल बाद का मिलता है। इस डैशबोर्ड से मरीजों को पता चल सकेगा कि उनकी बारी कब आएगी, जिससे अनिश्चितता और तनाव कम होगा।
ऐसे करें डैशबोर्ड का इस्तेमाल
जानकारी पाने के लिए मरीजों को AIIMS की वेबसाइट https://info.aiims.edu/ पर जाना होगा। यहां पांच विकल्प दिखेंगे:
1. मुख्य अस्पताल की इमरजेंसी स्थिति
2. जयप्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर का डैशबोर्ड
3. विश्राम सदन (गेस्ट हाउस) की जानकारी
4. ई-हॉस्पिटल से जुड़े डेटा
5. आज के ई-अस्पताल की अपडेट्स
इनमें से किसी भी ऑप्शन पर क्लिक करके मरीज बेड की उपलब्धता, वेटिंग लिस्ट और अन्य डिटेल्स देख सकते हैं।
मरीजों के लिए एक उम्मीद भरा कदम
यह डिजिटल पहल न केवल AIIMS, बल्कि पूरे देश के सरकारी स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक मिसाल है। इससे मरीजों को अस्पताल की भीड़ और लंबी प्रतीक्षा अवधि के तनाव से राहत मिलेगी। साथ ही, अस्पताल प्रबंधन पर मरीजों के बार-बार पूछताछ का दबाव भी कम होगा। अगर यह सिस्टम सफल रहा, तो देशभर के अन्य अस्पताल भी इसी राह पर चल सकते हैं। फिलहाल, यह पहल उन लाखों मरीजों के लिए एक रोशनी की किरण है, जो AIIMS के इलाज के लिए दूर-दूर से आते हैं और लंबे इंतजार की मजबूरी झेलते हैं।