मध्य प्रदेश में मानसून की तूफानी एंट्री: 48 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट

मध्य प्रदेश में मानसून की तूफानी एंट्री: 48 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट 

   दोहरी रफ्तार से दस्तक देगा मानसून  

मध्य प्रदेश में इस बार मानसून ने अपनी आमद को लेकर खासा ड्रामा बनाया हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से बुरहानपुर के रास्ते एंट्री करने के बाद अब पूर्वी मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी मानसूनी हवाओं ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह "क्रॉस फायर एंट्री" अगले 48 घंटे में पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लेगी। खास बात यह है कि इस बार मानसून की स्पीड डबल हो गई है – एक तरफ अरब सागर की हवाएं और दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी का सिस्टम, दोनों मिलकर एमपी में तेज बारिश का कारण बनेंगे।  

   जबलपुर बना मानसून का नया हब  

आमतौर पर मध्य प्रदेश में मानसून का प्रवेश खरगोन, बड़वानी और बुरहानपुर जैसे इलाकों से होता है, लेकिन इस बार जबलपुर में बने लो-प्रेशर एरिया और साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने गेम चेंज कर दिया है। यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं खींच रहा है, जिससे पूर्वी एमपी के जिलों जैसे नरसिंहपुर, सागर, शहडोल और डिंडोरी में भारी बारिश की संभावना है।  

मौसम विशेषज्ञ डॉ. सतीश चंद्रा के अनुसार, "जबलपुर का यह सिस्टम मानसून को एक्सीलरेट कर रहा है। अगले 24 घंटे में यहां 2.5 से 4 इंच तक बारिश हो सकती है, जो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में फैल जाएगी।"  

   अभी तक 25% ही कवर हुआ मानसून  

IMD के डेटा के मुताबिक, अभी तक मानसून ने प्रदेश के सिर्फ 19 जिलों को ही कवर किया है, जिसमें बुरहानपुर, इंदौर, धार, पचमढ़ी, मंडला और रीवा शामिल हैं। हालांकि, अगले दो दिनों में यह कवरेज तेजी से बढ़ेगा। फिलहाल, प्रदेश के सिर्फ 20-25% हिस्से में ही मानसून सक्रिय है, लेकिन 20 जून तक यह पूरे एमपी को कवर कर लेगा।  

   कहां कितनी हुई बारिश?  

  • छतरपुर (नौगांव): 1.25 इंच  
  • मंडला: 0.5 इंच  
  • रीवा: 1 इंच से अधिक  
  • जबलपुर: हल्की से मध्यम बारिश  

   तापमान में गिरावट, मौसम हुआ सुहाना 

मानसून की बौछारों ने प्रदेश के तापमान को भी नीचे ला दिया है। मंगलवार को जबलपुर में अधिकतम तापमान 34.5°C, भोपाल में 34.4°C, इंदौर में 32.2°C और पचमढ़ी में 28.2°C दर्ज किया गया। अगले कुछ दिनों में यह और गिर सकता है।  

   किसानों के लिए राहत भरी खबर

इस बार मानसून की तेज रफ्तार किसानों के लिए अच्छी खबर लेकर आई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में धान, सोयाबीन और मक्का की खेती के लिए पर्याप्त बारिश होगी। IMD ने इस साल सामान्य से 6% अधिक (106%) बारिश का अनुमान जताया है, जबकि जबलपुर और शहडोल संभाग में 150% तक वर्षा हो सकती है। यह न सिर्फ खरीफ फसलों के लिए अच्छा है, बल्कि जलाशयों और भूजल स्तर को भी रिचार्ज करेगा।  

   अगले 48 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट 

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले दो दिनों में जबलपुर, शहडोल, नरसिंहपुर और सागर में भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है। साथ ही, तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाएं भी संभावित हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।  

   क्या करें, क्या न करें?  

  • बिजली गिरने के दौरान खुले स्थानों पर न जाएं।  
  • पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें।  
  • मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखें।  

   निष्कर्ष: मानसून की डबल स्पीड से बदलेगा मध्य प्रदेश का मौसम  

इस बार मानसून ने मध्य प्रदेश में दोहरी रणनीति अपनाई है। एक तरफ अरब सागर की हवाएं और दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी का सिस्टम, दोनों मिलकर प्रदेश को जल्द ही मानसून की चादर में लपेट देंगे। अगले 48 घंटे क्रिटिकल हैं, क्योंकि इस दौरान भारी बारिश के साथ-साथ गरज और तेज हवाएं चल सकती हैं। हालांकि, यह बारिश कृषि और जल संसाधनों के लिए वरदान साबित होगी।  

अब देखना यह है कि मानसून की यह हाई-स्पीड एंट्री प्रदेश के लिए कितनी बेनिफिशियल साबित होती है!

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